Thursday, December 8, 2016

मैराथन

दम लगा रे।
दम लगा रे। 
दम लगा ना

आजमाना खुद को
तो लगा ना
- 2

फासला अभी है
पर ज्यादा दूर नहीं है
फासला अभी है

एड़ियों के दम पे
दम लगाना। .....

माथे के ये पसीने
चले फसलों को पीने
हाथों की मुट्ठी खिंचे
आ तू

सीने के ये पतीले
हाँफें, सांसों को खींचे
गर्मी की भाप बन
आ तू

फीतों से है बंधी
दो पैरों की ये जोड़ी
भागें चड़ें दौड़े
ना थामें

गलियां चौराहे
पैरों से हैं सब नापे
जब भी पकड़े सड़क 
ना रुकें

फासला अभी है
पर ज्यादा दूर नहीं है
फासला अभी है

एड़ियों के दम पे
दम लगाना। ....