हर ख़ुशी में खुश
हर गम में कम होना
छोड़ दिया है
हाँ मेरे खुदा
मैंने खुद को तंग करना
छोड़ दिया है
हर धड़कन की
दस्तक का हिसाब लेना
छोड़ दिया है
हाँ मुस्कानों का भी
बोझ उठाना
छोड़ दिया है
उन लम्बी सांसो से
अफ़सोस जाताना
छोड़ दिया है
हाँ अंधेरों में रौशन दरीचों पे
उम्मीद लगाना
छोड़ दिया है
घबराई सी नब्ज दबाए
हर ओर भागना
छोड़ दिया है
हाँ खुद को पागल मान
समझदारों की महफ़िल आना
छोड़ दिया है
लोग पूछते हैं
कहाँ रहते हो तुम आज कल ?
और फिर मेरा जी भी बहुत करता है
उन्हें बताने का
के कैसे मै सुकून के तालाब में
गीले, सूखे पत्ते सा बहता हूँ
पर पता है वो मानेंगे नहीं
सो उन्हें बताना भी मैंने
छोड़ दिया है
हर गम में कम होना
छोड़ दिया है
हाँ मेरे खुदा
मैंने खुद को तंग करना
छोड़ दिया है
हर धड़कन की
दस्तक का हिसाब लेना
छोड़ दिया है
हाँ मुस्कानों का भी
बोझ उठाना
छोड़ दिया है
उन लम्बी सांसो से
अफ़सोस जाताना
छोड़ दिया है
हाँ अंधेरों में रौशन दरीचों पे
उम्मीद लगाना
छोड़ दिया है
घबराई सी नब्ज दबाए
हर ओर भागना
छोड़ दिया है
हाँ खुद को पागल मान
समझदारों की महफ़िल आना
छोड़ दिया है
लोग पूछते हैं
कहाँ रहते हो तुम आज कल ?
और फिर मेरा जी भी बहुत करता है
उन्हें बताने का
के कैसे मै सुकून के तालाब में
गीले, सूखे पत्ते सा बहता हूँ
पर पता है वो मानेंगे नहीं
सो उन्हें बताना भी मैंने
छोड़ दिया है