बोसी बोसी बूंदों से
ये आसमा जमी उतरा है
आज इन सांसों में
फिर कुछ नया है
तुम्हारी बातों में बेहक चल आएं थे, जो सफर
वो मुकाम अब तक अधूरा है
बोसी बोसी बूंदों से
ये आसमा जमी उतरा है
कहने को, कहे
गए, बहुत से दिन
रहने को, रही
नहीं, कोई मंजिल
पर फिर भी
जीने को
लम्हों से
पिने को
अभी तक कुछ रखा है
बोसी बोसी बूंदों से
ये आसमा जमी उतरा है
ये आसमा जमी उतरा है
आज इन सांसों में
फिर कुछ नया है
तुम्हारी बातों में बेहक चल आएं थे, जो सफर
वो मुकाम अब तक अधूरा है
बोसी बोसी बूंदों से
ये आसमा जमी उतरा है
कहने को, कहे
गए, बहुत से दिन
रहने को, रही
नहीं, कोई मंजिल
पर फिर भी
जीने को
लम्हों से
पिने को
अभी तक कुछ रखा है
बोसी बोसी बूंदों से
ये आसमा जमी उतरा है
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