एक सफल सक्श की अकल को दस्तक देती खलल ने दिया बदल,
रहा उबल, हुई हलचल, उस दिल में जलन इस पल हर पल,
लगी खरोंच, दबा ये जोश, उठा ये जमीर, हुआ सरफ़रोश,
जब बढ़ी ये सोच,घटा संकोच, जकड़ा शारीर, तोड़ी हर मोंच|
रहा उबल, हुई हलचल, उस दिल में जलन इस पल हर पल,
लगी खरोंच, दबा ये जोश, उठा ये जमीर, हुआ सरफ़रोश,
जब बढ़ी ये सोच,घटा संकोच, जकड़ा शारीर, तोड़ी हर मोंच|
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