Thursday, December 24, 2015

तनख्वा वाले लोग

मै हमेशा अपनी कम उम्र निगाह से उम्मीद उड़ेल कर उन्हें तक देखता था

"वो ही मेरे हीरो हैं"

क्योकि मै बड़ा हो चूका था और पता था की भगवान एक चिपटी तस्वीर के ज्यादा कुछ नहीं

वो हर जगह रास्ता दिखाते रहते थे

"उधर नहीं इधर, ऊपर नहीं नीचे"

"गिनती कितनी भी आसमान में करो पर नोट हमेशा हथेली पर ही रहते हैं "

मै मानता था की वो भविष्य बता रहे हैं, अरे! वो ज्यादा जानते हैं

पर जब मै खुद वहां पंहुचा तो पता चला की वो बस ज्यादा जी चुके थे

जानते नहीं थे

क्योकि इतना जी के भी मैं खुद ज्यादा नहीं जानता

बस देखता हूँ तो उम्मीद भरी जवान निगाहें जो बहुत कुछ जान सकती हैं

पर मुझे तक रहीं है

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