साले! प्लास्टिक से लोग,
जिन्हे तुम जलाओ और मै फूंकु गा
खुद को, ऊपर उठाऊँगा
और ऊपर उठाऊँगा
जहां ये शहर एड़ी के नीचे दबा होगा
और मै पेड़ों की जालियों से कूद
छलांग लगाऊंगा
चाँद तक
यार! अब ये जहाँ अपना नहीं लगता
तो इस लिए चाँद की गोरी मिट्टी पे
अपना जहाँ बनाउंगा
और देखूंगा इस शहर को
फुन्सी से फोड़ा, और
फोड़े से मवाद
बनते हुए
जिन्हे तुम जलाओ और मै फूंकु गा
खुद को, ऊपर उठाऊँगा
और ऊपर उठाऊँगा
जहां ये शहर एड़ी के नीचे दबा होगा
और मै पेड़ों की जालियों से कूद
छलांग लगाऊंगा
चाँद तक
यार! अब ये जहाँ अपना नहीं लगता
तो इस लिए चाँद की गोरी मिट्टी पे
अपना जहाँ बनाउंगा
और देखूंगा इस शहर को
फुन्सी से फोड़ा, और
फोड़े से मवाद
बनते हुए
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