एक वक़्त जा रहा है
जा चूका भी है
इस तूफान का अंत कहाँ है
यार धुल बहुत है
तुम सुनाई दे रहे हो
पर दिख नहीं रहे
ज्यादा दूर नहीं
पर बहुत दूर
मुझे पता है तुम भी यहीं हो
फंसे
हिस्सों में दिख भी जाते हो
तो आसमान लगते हो
जो कभी भी पूरा मिला नहीं
बहुत पुराना शहर है
हर दिन कोई दिवार गिरती ही रहती है यहाँ
हवाएं आखिर जीत ही जाती है
आँधियाँ आषाढ़ की
शायद फिर अब कभी ना मिले वो चमक
आँखों में हमारे तुम्हारे
पर चमकेगी रेत आँखों की
चाँद के चढ़ते ही
"मैं सुन सकता हूँ तुम्हें
जरा जोर से बोलो "
"खैरियत रखना "
इस धुल धुंध में
दुन्धला के रहना
"बस यार खैरियत रखना"
जा चूका भी है
इस तूफान का अंत कहाँ है
यार धुल बहुत है
तुम सुनाई दे रहे हो
पर दिख नहीं रहे
ज्यादा दूर नहीं
पर बहुत दूर
मुझे पता है तुम भी यहीं हो
फंसे
हिस्सों में दिख भी जाते हो
तो आसमान लगते हो
जो कभी भी पूरा मिला नहीं
बहुत पुराना शहर है
हर दिन कोई दिवार गिरती ही रहती है यहाँ
हवाएं आखिर जीत ही जाती है
आँधियाँ आषाढ़ की
शायद फिर अब कभी ना मिले वो चमक
आँखों में हमारे तुम्हारे
पर चमकेगी रेत आँखों की
चाँद के चढ़ते ही
"मैं सुन सकता हूँ तुम्हें
जरा जोर से बोलो "
"खैरियत रखना "
इस धुल धुंध में
दुन्धला के रहना
"बस यार खैरियत रखना"
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