दिन अच्छे भी होते हैं
लोग बुरे भी
मगर जिंदगी नहीं
तो
अब खो भी दो इसे
किसी के हो भी गए
तो लिफाफों में, दराजों में
बीत जाएगी
किसी के ना हुए
तो यूँ ही
धूल बन जाएगी
ये सजावट
जैसे तारों की
हर दिन
तो
अब खो भी दो इसे
भला ये किसके काम आएंगे
जैसे बरसात का पानी
बारिश के बाद
वो चमकीला कागज
उपहार के बाद
जिस्म की मैल
धुलने के बाद
मेरी ये बात
जुबां के बाद
दिन अच्छे भी होते हैं
लोग बुरे भी
मगर जिंदगी नहीं
इसी लिए
मै मरने का ख़याल भी
रातों को लाता हूँ
के आँखे बंद करने से
डर लगता है
लोग बुरे भी
मगर जिंदगी नहीं
तो
अब खो भी दो इसे
किसी के हो भी गए
तो लिफाफों में, दराजों में
बीत जाएगी
किसी के ना हुए
तो यूँ ही
धूल बन जाएगी
ये सजावट
जैसे तारों की
हर दिन
तो
अब खो भी दो इसे
भला ये किसके काम आएंगे
जैसे बरसात का पानी
बारिश के बाद
वो चमकीला कागज
उपहार के बाद
जिस्म की मैल
धुलने के बाद
मेरी ये बात
जुबां के बाद
दिन अच्छे भी होते हैं
लोग बुरे भी
मगर जिंदगी नहीं
इसी लिए
मै मरने का ख़याल भी
रातों को लाता हूँ
के आँखे बंद करने से
डर लगता है