के कभी भी
के नहीं भी
हरगिज
क्या हो सकता है ?
धक्का है?
अँधेरा है ?
बस
कुछ है
भरोसा है
माथे से फुट के भी
हरगिज
किसकी महनत है ?
पसीना है ?
खून है ?
बस
कुछ है
बहता है
दुःख के भी
हरगिज
कोई चोट है ?
लाल है ?
दबा है ?
बस
कुछ है
जिस्म है
क्योंकि, मुझे डर है भी
हरगिज
के यहाँ हालत है ?
हलक है ?
निवाला है ?
बस
कुछ है
भूख है
परिंदा कुछ चोंच में दबाए है भी
हरगिज
वो नशेमन है ?
गर्दन है ?
अफ़सोस है ?
बस
कुछ है
परेशान है
के …
की …
की …
मैं …
भागता ना रह जाऊ
ढूंढते ढूंढ़ते
के नहीं भी
हरगिज
क्या हो सकता है ?
धक्का है?
अँधेरा है ?
बस
कुछ है
भरोसा है
माथे से फुट के भी
हरगिज
किसकी महनत है ?
पसीना है ?
खून है ?
बस
कुछ है
बहता है
दुःख के भी
हरगिज
कोई चोट है ?
लाल है ?
दबा है ?
बस
कुछ है
जिस्म है
क्योंकि, मुझे डर है भी
हरगिज
के यहाँ हालत है ?
हलक है ?
निवाला है ?
बस
कुछ है
भूख है
परिंदा कुछ चोंच में दबाए है भी
हरगिज
वो नशेमन है ?
गर्दन है ?
अफ़सोस है ?
बस
कुछ है
परेशान है
के …
की …
की …
मैं …
भागता ना रह जाऊ
ढूंढते ढूंढ़ते
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