कुछ लोग ख्यालों के जहां में रहते है
कुछ ख्यालों को जहां में बदलते हैं
जो जहां सोचा था तुमने दीवारों के पार बरसों पहले
आज उसी दिवार पर बैठा मै वो जहां देख रहा हूँ
तुमने सच कहा था ओबैद
ये जहां खूबसूरत है
बहुत खूबसूरत है
तेरे सपनो के मंच पे, आज खड़े कितने सपने हैं
जो तेरा एक सपना पूरा है, हुए कितने अधूरे पूरे हैं
के तुझसे ये हुजूम बना, इस हुजूम मे मैं शरीक हुआ
ये मेरा नसीब है, जो तेरे खयालों के करीब हूँ
तुमने सच कहा था ओबैद
ये हुजूम हसीन है
बहुत हसीन है
कुछ ख्यालों को जहां में बदलते हैं
जो जहां सोचा था तुमने दीवारों के पार बरसों पहले
आज उसी दिवार पर बैठा मै वो जहां देख रहा हूँ
तुमने सच कहा था ओबैद
ये जहां खूबसूरत है
बहुत खूबसूरत है
तेरे सपनो के मंच पे, आज खड़े कितने सपने हैं
जो तेरा एक सपना पूरा है, हुए कितने अधूरे पूरे हैं
के तुझसे ये हुजूम बना, इस हुजूम मे मैं शरीक हुआ
ये मेरा नसीब है, जो तेरे खयालों के करीब हूँ
तुमने सच कहा था ओबैद
ये हुजूम हसीन है
बहुत हसीन है
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