एक कब्र ये डिबिया
हजारों तीलियों की
माचिस
हर एक, सर कलम करवाने
जल जाने को तैयार, ये मुर्दों की
दुनिया
मेरे नशे के काम आती है
ये जेबों में कब्रिस्तान सी
माचिस
ये भी सच है, सट जाये अगर तो
शमशान बन जाएगी ये
दुनिया
बुझ जाने पर भी, आखरी शोले तक
पलकें खीच के देखती है ये
माचिस
और मेरा घर जलने पर भी
कैसे आँखे मूंद लेती है ये
दुनिया
हर बार, रगड़ खाने पर
पहली चिंगारी पर, गुर्राती है ये
माचिस
पर चीख पर, मजबूर की
शांत रहती है, ये संटी खायी सी
दुनिया
हवाओं से बुझ जाती है
बारिशों में पसीज जाती है ये
माचिस
जैसे दीवारों के पीछे
छुप जाती है, पीठ सटा के ये
दुनिया
है सस्ती, अठ्ठनियों में बिकती
पर फिर भी है तलभशुदा की मज़बूरी ये
माचिस
एक तलभ ऐसी भी है, मसीहों की
जिसके सामने, सस्ती पड़ जाती है ये
दुनिया
कभी दत्तों में दबाये हुए
मसूड़ों को खुजलाती हैं ये
माचिस
कभी दातों तले चबा जाती है
उँगलियाँ, घबराई ये
दुनिया
है लाल,
हों धुँआ,
बच राख
सब फूंका
ये माचिस से दुनिया
ये दुनिया सी माचिस
हजारों तीलियों की
माचिस
हर एक, सर कलम करवाने
जल जाने को तैयार, ये मुर्दों की
दुनिया
मेरे नशे के काम आती है
ये जेबों में कब्रिस्तान सी
माचिस
ये भी सच है, सट जाये अगर तो
शमशान बन जाएगी ये
दुनिया
बुझ जाने पर भी, आखरी शोले तक
पलकें खीच के देखती है ये
माचिस
और मेरा घर जलने पर भी
कैसे आँखे मूंद लेती है ये
दुनिया
हर बार, रगड़ खाने पर
पहली चिंगारी पर, गुर्राती है ये
माचिस
पर चीख पर, मजबूर की
शांत रहती है, ये संटी खायी सी
दुनिया
हवाओं से बुझ जाती है
बारिशों में पसीज जाती है ये
माचिस
जैसे दीवारों के पीछे
छुप जाती है, पीठ सटा के ये
दुनिया
है सस्ती, अठ्ठनियों में बिकती
पर फिर भी है तलभशुदा की मज़बूरी ये
माचिस
एक तलभ ऐसी भी है, मसीहों की
जिसके सामने, सस्ती पड़ जाती है ये
दुनिया
कभी दत्तों में दबाये हुए
मसूड़ों को खुजलाती हैं ये
माचिस
कभी दातों तले चबा जाती है
उँगलियाँ, घबराई ये
दुनिया
है लाल,
हों धुँआ,
बच राख
सब फूंका
ये माचिस से दुनिया
ये दुनिया सी माचिस
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