कोरी कोढ़ी
बोरी बोरी रात
नकचढ़ी निगोड़ी
चोरी चोरी रात
खत फाड़ के भी ना पढ़ा
पता था क्या लिखी थी बात
सड़क से खुरच जाएगी
पर फिर भी निकली वो नंगे पाव
कोरी कोढ़ी
बोरी बोरी रात
नकचढ़ी निगोड़ी
चोरी चोरी रात
आढ़ी टेढ़ी, नंगी पुंगी
ऐसे गोरी सर्दी गिरी उस साल
उल्लू ने भी सपना देखा
उस रात पहली बार
कोरी कोढ़ी
बोरी बोरी रात
नकचढ़ी निगोड़ी
चोरी चोरी रात
बोरी बोरी रात
नकचढ़ी निगोड़ी
चोरी चोरी रात
खत फाड़ के भी ना पढ़ा
पता था क्या लिखी थी बात
सड़क से खुरच जाएगी
पर फिर भी निकली वो नंगे पाव
कोरी कोढ़ी
बोरी बोरी रात
नकचढ़ी निगोड़ी
चोरी चोरी रात
आढ़ी टेढ़ी, नंगी पुंगी
ऐसे गोरी सर्दी गिरी उस साल
उल्लू ने भी सपना देखा
उस रात पहली बार
कोरी कोढ़ी
बोरी बोरी रात
नकचढ़ी निगोड़ी
चोरी चोरी रात
No comments:
Post a Comment