जहाज के मस्तूल को पकडे
जो आदमी खड़ा है
वो क्या सोच रहा है
क्या उसने हवाओं पर कब्ज़ा कर लिया है
या उसने हवाओं पर भरोसा कर लिया है
जो भी हों
उसकी उमीदें टूटने वाली है
हमेशा की तरह
जो आदमी खड़ा है
वो क्या सोच रहा है
क्या उसने हवाओं पर कब्ज़ा कर लिया है
या उसने हवाओं पर भरोसा कर लिया है
जो भी हों
उसकी उमीदें टूटने वाली है
हमेशा की तरह
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