सरहद पर एक जवान खड़ा है
ताकि मैं सो सकूँ , सुकून से
ठीक जैसे
एक लैम्पपोस्ट खड़ा रहता है
हर दिन मेरे घर के बहार
ताकि मै सड़क को देख सकूँ
एक किशान भी कहीं
ऐसे ही किसी लैम्पपोस्ट से लटका होगा
और उसके पैर की मझली ऊँगली
जमीन को भूकी होगी
क्योकि मैं तो भूखा नहीं हूँ
और मेरा पेट भरने वाले
भूखा रहना चाहते नहीं
क्योकि धर्म के बाद उपवास की
किसी को आदत नहीं
सरहद का जवान कभी भी ये सोचता होगा क्या ?
उसे भी पता है
अगले सावन
जब सरहद बाड़ में अपना रूख बदलेगी
तब वो लैम्पपोस्ट फिर काम आएगा
कोई लटकेगा या लटकाया जायेगा
वैसे सुना के आज बाजार तीन अंक गिर गया
और मैंने महसूस करा की एक किसान सरहद पर मर गया
और छू कर के देख भी लिया एक जवान को अकेले खड़े खेत में
जय जवान
जय किसान
ताकि मैं सो सकूँ , सुकून से
ठीक जैसे
एक लैम्पपोस्ट खड़ा रहता है
हर दिन मेरे घर के बहार
ताकि मै सड़क को देख सकूँ
एक किशान भी कहीं
ऐसे ही किसी लैम्पपोस्ट से लटका होगा
और उसके पैर की मझली ऊँगली
जमीन को भूकी होगी
क्योकि मैं तो भूखा नहीं हूँ
और मेरा पेट भरने वाले
भूखा रहना चाहते नहीं
क्योकि धर्म के बाद उपवास की
किसी को आदत नहीं
सरहद का जवान कभी भी ये सोचता होगा क्या ?
उसे भी पता है
अगले सावन
जब सरहद बाड़ में अपना रूख बदलेगी
तब वो लैम्पपोस्ट फिर काम आएगा
कोई लटकेगा या लटकाया जायेगा
वैसे सुना के आज बाजार तीन अंक गिर गया
और मैंने महसूस करा की एक किसान सरहद पर मर गया
और छू कर के देख भी लिया एक जवान को अकेले खड़े खेत में
जय जवान
जय किसान
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