Tuesday, January 26, 2016

जीते जीते

मैं

मैं वो हूँ,
जो मरने के लिए पैदा हुआ है

और हर दिन मरता है
धिरे धीरे

मैं वो हूँ
जो जिन ज्यादा चाहता है
और ज्यादा जीने के लिए जीता है

यूँ तो आसान है भूल जाना ये सब
जीते जीते

सहूलिया है
          जी लीजिये

मगर
    भुला देना
    मिटा देना नहीं होता

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