इतिहास
रोटी पर जले हुए काले धब्बे सा होता है
जो विजेता के बगल में बैठे चापलूस ने सेका होता है
मुद्दा बनाने के लिए
चापलूसों को रोटी दिलाने के लिए
क्यों नहीं लिखता कोई
उस अकेली सुबह का इतिहास
जो हर दिन जंगल में घूमने आती है
या उस ठंडी हवा में सूखती कमीज पर
जो सूखते सूखते सूख जाती है
या उस आदमी पे
जो आजादी नहीं चाहता था
और आजादी के दिन मारा गया
क्या इतिहास इतना अधूरा है
के अधूरी चीजे उसमे कभी न पूरी हो पाए
या इतिहास पूरी हुई चीजों का संकलन है
जहां अधूरी चीजों की जगह नहीं
मुझे पता नहीं
आप ही बताइयेगा
अपने इतिहास में
नमस्कार
रोटी पर जले हुए काले धब्बे सा होता है
जो विजेता के बगल में बैठे चापलूस ने सेका होता है
मुद्दा बनाने के लिए
चापलूसों को रोटी दिलाने के लिए
क्यों नहीं लिखता कोई
उस अकेली सुबह का इतिहास
जो हर दिन जंगल में घूमने आती है
या उस ठंडी हवा में सूखती कमीज पर
जो सूखते सूखते सूख जाती है
या उस आदमी पे
जो आजादी नहीं चाहता था
और आजादी के दिन मारा गया
क्या इतिहास इतना अधूरा है
के अधूरी चीजे उसमे कभी न पूरी हो पाए
या इतिहास पूरी हुई चीजों का संकलन है
जहां अधूरी चीजों की जगह नहीं
मुझे पता नहीं
आप ही बताइयेगा
अपने इतिहास में
नमस्कार
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