Saturday, May 2, 2015

शाम, सावन की

एक बिल्ली ने पंज्जा मारा है
तो ये बिजली चिंगारी सी कड़की है
वो चाँद नाख़ून सा गिरा पड़ा है
थोड़ा गहरा कटा है
जो खून बादलों पर छीटा है
हाँ वो रो रहा है
गिरती बूंदो से साफ़ पता चल रहा है


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