आँखों की थूक,
सूखी सी,
उबले गिरे दूध सी
सपनो की मलाई,
पलकों को खिचती,
रोकती हुई
रौशनी की परछांई,
रौंदती हुई, तोड़ने
नींद को
जेहेन की जंभाई
पपोटों को मीज
जगाती
उसे जो रात भर बेसूद थी
मेरी जुबान
ये बोलने
"मुझे यकीन नहीं करना
के मै जिन्दा हूँ
मुझे यकीन यही करना
के मै जी के भी एक
सपना हूँ "
सूखी सी,
उबले गिरे दूध सी
सपनो की मलाई,
पलकों को खिचती,
रोकती हुई
रौशनी की परछांई,
रौंदती हुई, तोड़ने
नींद को
जेहेन की जंभाई
पपोटों को मीज
जगाती
उसे जो रात भर बेसूद थी
मेरी जुबान
ये बोलने
"मुझे यकीन नहीं करना
के मै जिन्दा हूँ
मुझे यकीन यही करना
के मै जी के भी एक
सपना हूँ "
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