यहाँ हर धार पे धार का भार है
के टूटे शीशों से पूछो कौन कितना बेकार है
ये अक्कड बक्कड़ कर धीरे धीरे गिरता है
मुझे नहीं पता ये किसे घूरता है
इस जख्म पे
हर सहलने वाले के
खून का निशान है
यहाँ हर धार पे धार का भार है
के टूटे शीशों से पूछो कौन कितना बेकार है
ये चबा चबा के रोशनियाँ चटका देता है
जाल सा है बस शिकार का इन्तेजार है
जरा ध्यान रखना
इस मुस्कान के पीछे
नोकीले दांत है
यहाँ हर धार पे धार का भार है
के टूटे शीशों से पूछो कौन कितना बेकार है
के टूटे शीशों से पूछो कौन कितना बेकार है
ये अक्कड बक्कड़ कर धीरे धीरे गिरता है
मुझे नहीं पता ये किसे घूरता है
इस जख्म पे
हर सहलने वाले के
खून का निशान है
यहाँ हर धार पे धार का भार है
के टूटे शीशों से पूछो कौन कितना बेकार है
ये चबा चबा के रोशनियाँ चटका देता है
जाल सा है बस शिकार का इन्तेजार है
जरा ध्यान रखना
इस मुस्कान के पीछे
नोकीले दांत है
यहाँ हर धार पे धार का भार है
के टूटे शीशों से पूछो कौन कितना बेकार है
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