कृष्ण में बचपना भी है
कृष्ण में ही जहां भी
मुख खोल के कृष्ण का
घबरा गयी यशोदा भी
अचम्भे में ये सोच रही
क्या सत्य जहाँ का सरल यही
ऋषि मुनि विद्वान भिड़े
जहां समझने में कितने मिटे
पर क्या वो समझ पाएंगे कभी
के नासमझ है ये जहां खुद ही
कृष्ण में ही जहां भी
मुख खोल के कृष्ण का
घबरा गयी यशोदा भी
अचम्भे में ये सोच रही
क्या सत्य जहाँ का सरल यही
ऋषि मुनि विद्वान भिड़े
जहां समझने में कितने मिटे
पर क्या वो समझ पाएंगे कभी
के नासमझ है ये जहां खुद ही
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