एक सुखा रेगिस्तान था
कुछ दीवाने उसमे बसते थे
रातों में तारे तकते थे
हसते थे, गाते थे
नक्षत्र की कहानियाँ सुनाते थे
खुद को अस्ट्रोनॉमर* कहते थे
पर मुझे तो बस
ख्वाबदा मस्ताने लगते थे
लंबे चश्मे पहन के
आकाश को चीरा करते थे
के नाजाने कब कोई तारा
नई कहानी सुना दें
कहते थे के धरती का भूत
छिपा है आसमान में
कुछ ऐसे ढूंढते थे अतीत को
जैसे खोया खिलौना खोजता कोई हो बच्चा
कुछ दूर, एक बुढ़िया टहलती थी
वो भी अलग दीवानी थी
दिन भर जमी को घूरती थी
ना हसती थी, ना गाती थी
वो अपनों की कहानियाँ सुनाती थी
वो अपनी पेहचान छुपाती थी
पर मुझे तो वो एक
टूटा सा ख्वाब लगती थी
हाथों में खुरपी ले कर
जमी को खोला करती थी
के ना जाने कब मिल जाये
उसे हड्डियां अपनों की
दफनाया था जिसे एक तानाशाह ने
भूत बना, उसके देश की
उदास होती है अतीत पे, कुछ ऐसे
जैसे खो कर खिलौना बैठी हो कोई बच्ची
प्रेरित (inspired from)
Nostalgia for the Light by Patricio Guzman
http://en.wikipedia.org/wiki/Nostalgia_for_the_Light
कुछ दीवाने उसमे बसते थे
रातों में तारे तकते थे
हसते थे, गाते थे
नक्षत्र की कहानियाँ सुनाते थे
खुद को अस्ट्रोनॉमर* कहते थे
पर मुझे तो बस
ख्वाबदा मस्ताने लगते थे
लंबे चश्मे पहन के
आकाश को चीरा करते थे
के नाजाने कब कोई तारा
नई कहानी सुना दें
कहते थे के धरती का भूत
छिपा है आसमान में
कुछ ऐसे ढूंढते थे अतीत को
जैसे खोया खिलौना खोजता कोई हो बच्चा
कुछ दूर, एक बुढ़िया टहलती थी
वो भी अलग दीवानी थी
दिन भर जमी को घूरती थी
ना हसती थी, ना गाती थी
वो अपनों की कहानियाँ सुनाती थी
वो अपनी पेहचान छुपाती थी
पर मुझे तो वो एक
टूटा सा ख्वाब लगती थी
हाथों में खुरपी ले कर
जमी को खोला करती थी
के ना जाने कब मिल जाये
उसे हड्डियां अपनों की
दफनाया था जिसे एक तानाशाह ने
भूत बना, उसके देश की
उदास होती है अतीत पे, कुछ ऐसे
जैसे खो कर खिलौना बैठी हो कोई बच्ची
प्रेरित (inspired from)
Nostalgia for the Light by Patricio Guzman
http://en.wikipedia.org/wiki/Nostalgia_for_the_Light
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