मुझे बस इतनी शक्ति देना
के आबादी मिटा सकूँ
सूक्ष्म-अंड की ताकत से
वीराने बिछा सकूँ
बुद्धिमता तो मुझमे
कब से है
बस वो औजार दो
के ज़माने डरा सकूँ
खौफ का बाजार है तेरा
मै एक दुकानदार बन सकूँ
तेरे अखंड अमन के नारे को
प्रारम्भ में कर सकूँ
के आबादी मिटा सकूँ
सूक्ष्म-अंड की ताकत से
वीराने बिछा सकूँ
बुद्धिमता तो मुझमे
कब से है
बस वो औजार दो
के ज़माने डरा सकूँ
खौफ का बाजार है तेरा
मै एक दुकानदार बन सकूँ
तेरे अखंड अमन के नारे को
प्रारम्भ में कर सकूँ
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