बाबा हाँ मैं मानता हूँ
की अब फिर बचपन जीने की तेरी बारी है
जिद करके, लड़ के
परेशान करने की बारी हैं
मै चिढ़ता हूँ इस बड़े होने की अकड़न से
पर पता है वक़्त से तो मात खानी है
इस`खिजन का कारण मेरा हसीं बचपन ही है
जिसकी क्यारी तुम्ही ने छाटी है
मेरे परवरिश में`रखे तिनकों की नजाकत
हाँ बस तेरी ही मेहरबानी हैं
एक माँ, एक तुम, और गोदी में बैठा मै, तो हम
पर इस पूरे समीकरण में न मेरी कोई मनमानी है
बाबा हाँ मैं मानता हूँ
आज तेरी मारफ़त मेरी जिम्मेदारी है
पर अपने इस दूसरे बचपन की मीयाद में
तुमने अजीब सी जिद कर डाली है
जो इस नयी समीकरण में तुमने
अपनी माँ चुन्ने की ठानी है
की अब फिर बचपन जीने की तेरी बारी है
जिद करके, लड़ के
परेशान करने की बारी हैं
मै चिढ़ता हूँ इस बड़े होने की अकड़न से
पर पता है वक़्त से तो मात खानी है
इस`खिजन का कारण मेरा हसीं बचपन ही है
जिसकी क्यारी तुम्ही ने छाटी है
मेरे परवरिश में`रखे तिनकों की नजाकत
हाँ बस तेरी ही मेहरबानी हैं
एक माँ, एक तुम, और गोदी में बैठा मै, तो हम
पर इस पूरे समीकरण में न मेरी कोई मनमानी है
बाबा हाँ मैं मानता हूँ
आज तेरी मारफ़त मेरी जिम्मेदारी है
पर अपने इस दूसरे बचपन की मीयाद में
तुमने अजीब सी जिद कर डाली है
जो इस नयी समीकरण में तुमने
अपनी माँ चुन्ने की ठानी है
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