Wednesday, October 29, 2014

किसी की जरूरत

यूँ  तो हर किसी को हर किसी की जरूरत है
फिर किसी को किसी की जरूरत भी नहीं

बड़ी पेचीदा लोग है, इस पेचीदा जहाँ मे
जो यहाँ बेबसों को बस बेबसी की रेहमत है

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