कल रात कड़की बिजली से
कुछ अस्मा जल गया मेरा
आज बारिश बह रही थी उससे
वो जख्म ही था कुछ ऐसा
ना जाने काब भरेगा
ना जाने कब बारिश रुकेगी
ना जाने कब ....
कुछ अस्मा जल गया मेरा
आज बारिश बह रही थी उससे
वो जख्म ही था कुछ ऐसा
ना जाने काब भरेगा
ना जाने कब बारिश रुकेगी
ना जाने कब ....
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